गुरुवार, 29 अगस्त 2013

स्वामी विवेकानन्द के विचारों की प्रासांगीकता आज भी

14th अगस्त 2013, बुधवार : शिमला : विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा शिमला एवं  भाषा एवं संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश के तत्वावधानमें  "स्वामी विवेकानन्द के विचारों की प्रासांगीकता आज भी" विषय पर आज हिमाचल स्टेट संग्रहालय के सभागृहमें  माननीय रेखादीदी, संयुक्त महासचिव, विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी द्वारा प्रवचन दिया गया।

माननीय रेखादीदी ने बताया जैसे स्वामी विवेकानन्दनें पुस्तकीय ज्ञानके साथ साथ प्रत्यक्ष भारत का अनुभव परिभ्रमण द्वारा लिया और तत्कालीन देशकी परिस्थिती और उसका हल ढुंढा, और देशको आत्म-सन्मान वापस लाने के लिए कार्य किया ऎसे ही हमे आज पूरे आत्मविश्वास के साथ परिस्थिती का सामना करना है। विवेकानन्दने बताया था, हमे स्वयं पर ओर ईश्वर पर विश्वास होना है। जो लक्ष्य लेते है उसे पुरा करे बगर रुकना नहीं हैं। स्वामीजी कि तरह ही भारत प्रेम एवं संवेदनशील होकर इस विराट-जनता-जनार्दनके लिए कार्य  करना है।

संस्कार मनुष्यको मनुष्य द्वारा ही प्राप्त होते है और मनुष्य का निर्माण चारित्रके निर्माण द्वारा ही संभव है। स्वामी विवेकानन्दकी वारणसी के बंदरो वाले वाक्या बताते हुए स्वामी विवेकानन्दका संदेश की समस्या से भागो नही, किन्तु समस्या का सामना करो, यही आजकी आवश्यक्ता हैं।

कार्यक्रम के अन्तमें श्रीमती कल्पनाजी, केन्द्र कार्यकर्ता द्वारा विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी का परिचय दिया गया। श्री नेगीजी, क्युरेटर, हिमाचल स्टेट संग्रहालय एवं श्री आशुतोषजी, सहसंयोजक, विवेकानन्द केन्द्र शिमला शाखा ने आभार प्रस्ताव दिया। कार्यक्रम का संचालन श्री हार्दिक ने कीया। कार्यक्रमके दौरान केन्द्र कार्यकर्ता द्वारा स्वामी विवेकानन्द एवं भारतीय संस्कृतिका बुक-स्टोलभी लगाया गया था।

मंगलवार, 13 अगस्त 2013

स्वामी विवेकानंद के विचारों की प्रासांगीकता आज भी : प्रबुद्ध गोष्ठी

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा शिमला एवं भाषा एवं संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।

विषय : स्वामी विवेकानंद के विचारों की प्रासांगीकता आज भी

वक्ता : माननीय रेखादीदी, संयुक्त महासचिव, विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी

स्थान : हिमाचल प्रदेश संग्रहालय सभागृह, चौडा मेदान, शिमला-171004

समय : 14th अगस्त 2013 दोपहर 2:30 बजे

भारत जागो दौड़

11 सितम्बर 1893 का पावन दिन, शिकागो (अमेरिका) के आर्ट इंस्टिट्यूट में विश्व धर्म सभा और उस सभा में स्वामी विवेकानन्द जी का प्रथम भाषण| स्वामी जी के उस ऐतिहासिक भाषण से अपने महान भारत देश, यहाँ की सर्वसमावेशक हिन्दू संस्कृति और हिन्दू धर्म की विजय पताका विश्व मंच पर प्रतिष्ठापित होने के साक्षी बने, इस "विश्व बंधुत्व दिवस" को मनाते हुए, एक बार फिर भारत की युवा शक्ति के रक्त में उसी राष्ट्रीय स्वाभिमान की ज्वाला को जगाया जाना समय की मांग है । इसी निमित्त स्वामी विवेकानंद जी के 150वें जयंती वर्ष का सबसे बड़ा सामूहिक कार्यक्रम हमारे सामने है - भारत जागो दौड़ । 

स्वामी जी के सन्देश को पूरे वायुमंडल में गुंजायमान करते हुए, देश के हर जिला केंद्र पर 11 सितम्बर 2013,बुधवार को 18-40 वर्ष के युवक-युवतियां 2-3 किलोमीटर की इस दौड़ में हजारों की संख्या में दौड़ने वाले हैं !


भारत जागो! विश्व जगाओ!!
स्वामी विवेकानन्द जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में स्वामी विवेकानन्द सार्धशती समारोह समिति के तत्वाधान से देश भर में चल रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में दिनांक 11 सितम्बर, 2013 को विश्वभर में भारत जागो दौड़ का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है ! युवा वर्ग के 18 - 40 वर्ष की श्रेणी के भैया बहिन इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर इस कार्यक्रम को सफल बनाएं !