विवेकानन्द केन्द्र के द्वारा रचनात्म नेतृत्व कार्यशाला का आयोजन संस्कृत महाविद्यालय फागलि में १ मेई,शुक्रवार २०१५ हुआ। लक्ष्य की स्पष्टता सफल होने के लिये आवश्यक है और चुनौंतियाँ सुअवसर है, यह बात श्री हार्दिकजीने रचानात्मक नेतृत्व विकास कार्यशाला - सफल युवा युवा भारत के दौरान संस्कृत महाविद्यालय फागलि में बताया। विवेकान्द केन्द्र शिमला शाखा के द्वारा युवाओ के लिये विविध कार्यक्रम एवं कार्यशाला विद्यालय एवं महाविद्यालय के छात्रों के लिये कर रहा है। कार्यक्रम की शरुअत प्रणव मंत्र एवं एक्यमंत्र से हुई। मनुष्यों को सफलता के लिये कई प्रकार की बाधायें दिखती हैं जैसे कि - चुनौतियों की आशंका से भयभित, जीवन कि प्राथमिकतायें तय नहि कर पाना, विभ्भिन मतों से विचलित हो जाना।
ये सभी चुनौतियों का सामाना कैसे करें और अपनी अतर्निहित शक्ति को कैसे उजागर करें, इसको विवेकानन्द शिला स्मारक की कहानी के माध्यम से समझाया। प्राचार्य डा निरा शर्माजी ने विद्यार्थियों को इस प्रकार की व्यक्तित्व विकास एवं सेवा गतिविधियों में हिस्सा लेने का अनुरोध किया। कार्यक्रम के अन्त में श्री रणजीतजी - संस्कृत महाविद्यालय फागलि के आचार्य ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।
ये सभी चुनौतियों का सामाना कैसे करें और अपनी अतर्निहित शक्ति को कैसे उजागर करें, इसको विवेकानन्द शिला स्मारक की कहानी के माध्यम से समझाया। प्राचार्य डा निरा शर्माजी ने विद्यार्थियों को इस प्रकार की व्यक्तित्व विकास एवं सेवा गतिविधियों में हिस्सा लेने का अनुरोध किया। कार्यक्रम के अन्त में श्री रणजीतजी - संस्कृत महाविद्यालय फागलि के आचार्य ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thanking you for writing the comment.