विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी शिमला शाखा द्वारा गुरु पूर्णिमा का उत्सव
दिनांक ३१-जुलाई, शनिवार सुबह ११ बजे, राजकीय महाविद्यालय संजौली,
शिमला मे मनाया गया।
उत्सवका प्रारंभ 3 ॐ, शान्ति पाठ एवं मंगलाचरण और सरस्वति वंन्दना के साथ विवेकानन्द केन्द्र के विवेक छात्रावास के छात्र शिवमजी , सुरेश जी और तिलक जी के द्वारा हुअा, तथा कार्यक्रम का संचालन अन्य छात्र हिम्मत के द्वारा किया गया । विवेकानन्द केन्द्र शिमला के व्यवस्था प्रमुख श्री राजीव कुठियाला जी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना दी गयी।
इसके पाश्चात कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. ओमकार सारस्वत जी, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय मे हिन्दी के प्रोफेसर, स्वामी विवेकानंद के कोटेशन के साथ हमारी संस्कृति का गुरु-शिष्य परम्परा की जो संकल्पना है उसकी अंतर्दृष्टि दी और उसका महत्व बताया
महाविद्यालय की उप-प्रधानाचार्य डा. निवेन्दु शर्मा, कार्यक्रम की अध्यक्ष ने भी सभी को संबिधित करते हुए गुरु शिष्य परंपरा तथा स्वामी विवेकानन्द जी के विचारों को सब के समक्ष रखा
विवेकानन्द केन्द्र के जीवनव्रती संगठक कल्पना जी ने, शिमला शाखा की
गतिविधिओंका संक्षेप्तमें विवरण देते हुए, कहा की स्वामी विवेकानन्द द्वारा
कहा गया ॐ का मंदिर -मिलन स्थलमें हम सहभागिता लेते हुए समाज को संगठीत
करे और सकारत्मक समाज बनायें, उन्होंने लोगो को प्रार्थना, योग, स्वाध्याय
प्रवृतिमें भाग लेने हेतु आमंत्रित करते हुए "भगिनि निवेदीता पुस्तकालय"
और केन्द्र मे चल रहे आनन्दालय, (play way learning) के बारे में जानकारी
दी।
अंत मे विवेकानन्द केन्द्र शिमला शाखा के नगर संचालक श्री तेजराम शर्मा जी ने धन्यावाद प्रस्ताव तथा विश्व कल्याण की प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का समापन किया।