२ - दिसम्बर, मंगलवारको भगवान कृष्ण द्वारा कहि गई गीता
को ५१५६ साल हुए। इस अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी के शिमला
शाखा द्वारा, गीता जयंती का कार्यक्रम सायं ५ से ६ बजे तक उत्साहपूर्ण रुप
से मनाय गया। भगवदगीता हमारा राष्ट्रीय ग्रन्थ है ओर गीता ने
क्रान्तिकारियों को वधफलक (फाँसी के फंदे) तक हँसते-हँसते जामे को प्रेरित
किया एवं हमारे स्वतन्त्रता संग्राम के नेताओं को, जो कि अंग्रेजों द्वारा
जेल में डाल दिये गये थे, प्रबुद्ध किया।
विवेकानन्द केन्द्र की शिमला शाखा द्वारा चलाए जा रहे
आनन्दालयाके बच्चों ने "दैनिक जीवनमें गीता" का पठन किया गया। गीता के सभी
श्लोक महत्वपूर्ण है। बच्चों को हिन्दू जीवन पद्धति के सार तत्व से परिचित
कराने के लिए "श्री हरिगीता" में से ६१ श्लोको का चयन किया गया है, जो
पुस्तिका स्वरूपमें भी प्राप्य है। रामकृष्ण मिशन, शिमला शाखा के सचिव
स्वामी निलकण्ठानन्दजीने आशीर्वचन के साथ ही बच्चों को कहानी के माध्यमसे
गीता के माहातम्य बारे में सरल रूपमें बतायाँ।
विवेकानन्द केन्द्र के शिमला शाखा द्वारा केन्द्र के
विविध कार्यक्रम और नियमित चल रहे कार्यक्रम जैसे बच्चोके लिए आनन्दालय एवं
संस्कार वर्ग, युवा एवं प्रबुद्ध वर्ग के लिए स्वाध्याय वर्ग ओर समाजके
सभी वर्गोके लिए योग वर्गके बारे में जानकारी दि गई। इस अवसर पर केन्द्र
द्वारा साहित्य सेवा-विक्रय में रामकृष्ण-विवेकानन्द एवं भारतीय संस्कृति
के पुस्तक का स्टोल लगाया गया।
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